माँ! तुम्हारी कमी है...

Author: दिलीप /





मचलता था बचपन मे जिनके लिए मैं,
वो सब आज अपने लिए पा रहा हूँ,
मैं अब छोड़कर सारे वादे इरादे,
बिना शर्त कोई जिए जा रहा हूँ,
न जाने इन आँखों मे फिर क्यूँ नमी है,
माँ शायद मुझे अब तुम्हारी कमी है,
           
वो मिट्टी के बर्तन वो गुड्डे वो गुड़िया,
वो बचपन के जो खेल तुमने सिखाए,
कहीं खो गये सब वो यादों मे छिपकर,
जवानी मे जब पैर हमने बढ़ाए,
मैं बढ़ आया फिर भी वो यादें थमी है,
माँ शायद मुझे अब तुम्हारी कमी है,

वो सब जख्म मेरे, वो मरहम तुम्हारा,
वो गम मे मेरे नम थी आँखें तुम्हारी,
वो राहें थी मुश्किल, मगर बस चले हम,
वो सर को उठा थामे उंगली तुम्हारी,
उन्ही राहों पे अब भी आँखें जमी है,
माँ शायद मुझे अब तुम्हारी कमी है,

वो तस्वीर धुंधली सी अब भी बची है,
वो पल भर बिछड़ना, वो मेरा बिलखना,
वो आँचल मे छुप छुप के तुझको सताना,
वो गोदी मे सोना, वो घुटनो सरकना,
तेरी प्यारी सूरत मे नीयत रमी है,
माँ शायद मुझे अब तुम्हारी कमी है,

वो यादें सुनहरी ना मिटने दो फिर तुम,

मुझे फिर से आवाज़ देकर बुला लो,
तुम्हारे बिना लड़ सकूँगा ना जग से,
मुझे अपने आँचल मे इक पल सुला लो,
वो लोरी तुम्हारी बहुत लाज़मी है,
माँ शायद नहीं, बस तुम्हारी कमी है...

28 टिप्पणियाँ:

बेनामी ने कहा…

aah !!!! padhkar rone ko mann kiya...
maaf kijiyega par isse jyada kuch na kah paunga.......

संजय भास्‍कर ने कहा…

Maa aisi hi hoti hai...

संजय भास्‍कर ने कहा…

तेरी प्यारी सूरत मे नीयत रमी है,
माँ शायद मुझे अब तुम्हारी कमी है,

Dewlance.com ने कहा…

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यह कमेंट अपना ही(भारतीय) ब्लाग समझ कर किया है ईसलिये डिलीट नही करें, आगे बढने मे एक भारतीय साईट को योगदान दें।

सु-मन (Suman Kapoor) ने कहा…

बेहद भावुक रचना 1माँ की कमी कोई नहीं पूरी कर सकता

Alpana Verma ने कहा…

दिल को छू गयी आप की भावपूर्ण कविता .
माँ के स्नेह और ममता का दुनिया में कोई सानी नहीं.माँ की कमी कोई नहीं पूरी कर सकता.
उसका प्यार अद्वितीय है अनमोल है वो पास न हो तो भी अपने होने का अहसास दे जाती है.

Alpana Verma ने कहा…

**मेरी पोस्ट par आप की टिप्पणी पर कहना चाहती हूँ--
-जी हाँ उन सज्जन Suman ji ने दो बार एक ही कमेन्ट 'nice ' अलग अलग समय पर दिया
socha to था मिटा दूँ..फिर लगा नहीं उनकी यह Mahanta! 'जग जाहिर होनी चाहिये
वैसे भी वे अपनी इस आदत के लिए अखबार की सुर्खियाँ भी बटोर चुके हैं.
bade bade blograthi kuchh nahin kar sake in ke 'NICE'ka ...ham tum kya karenge?

Alpana Verma ने कहा…

bilkul sahi kahte hain aap :)..

shukriya.

Udan Tashtari ने कहा…

भावुक रचना....

Dev ने कहा…

अति उत्तम रचना ......माँ के बिना तो जग सुना है .

रंजू भाटिया ने कहा…

maa aesi hi hoti hai ..bahut bhavuk kar dene waali kavita likhi hai aapne shukriya badhaai ke liye aapke blog par aana accha laga

M VERMA ने कहा…

मुझे फिर से आवाज़ देकर बुला लो,
तुम्हारे बिना लड़ सकूँगा ना जग से,
सही है जग की विसंगतियों से लड़ने के लिये माँ का आशीर्वाद तो जरूरी ही है

Archana Chaoji ने कहा…

बस...ये गीत याद आ गया.....
माँ मुझे अपने आँचल मे छुपा ले,गले से लगा ले,कि और मेरा कोई नही...

http://www.in.com/music/search.php?type=song&search_data=maa+mujhe+apane

Ravi Rajbhar ने कहा…

Ankhe nam ho gai bhai...
aapki profile se hi dil ko bahut sukun mila.
aap bahut hi achchha likhte ho...!

आपका अख्तर खान अकेला ने कहा…

aadrniy aadaab arz he apke alfaaz maashaa allah maan kaa drsn flsfaa yaad dilaate hen schchaai yhi he aaj visv or puri kaainaat men sbse anmol he to voh maan he or maan jo jnm deti he jiski god men hm plte hen saath hi jiski mitti men hm khelte hen voh sr zmin bhi maan he maan tuje slaam . akhtar khan akela kota rajasthan

अंजना ने कहा…

वो सब जख्म मेरे, वो मरहम तुम्हारा,
वो गम मे मेरे नम थी आँखें तुम्हारी,
वो राहें थी मुश्किल, मगर बस चले हम,
वो सर को उठा थामे उंगली तुम्हारी,
उन्ही राहों पे अब भी आँखें जमी है,
माँ शायद मुझे अब तुम्हारी कमी है,

आँखे नम हो गई.. क्या कहूं कहने के लिए शब्द नही है।

दिलीप ने कहा…

Sabhi ka Abhar....

सीमा सचदेव ने कहा…

बहुत ही भावुक रचना , मां से बढकर दुनिया में कुछ नहीं ।

Unknown ने कहा…

दिल को छू लेने वाली कविता लिखी है आपने। हम तो आपके साथ अपना ये विचार सांझा करना चाहते हैं कि जो मां का नहीं वो किसी का नहीं हो सकता।

Apanatva ने कहा…

ek amit chap chod gayee hai aapkee ye bhavvibhor kar dene walee rachana .

मनोज भारती ने कहा…

बहुत सुंदर रचना है...माँ की गोद याद आ गई ...भावपूर्ण कविता

कडुवासच ने कहा…

...प्रसंशनीय !!!

बेनामी ने कहा…

आँख भरी आई!
बेहद सुंदर.

-Rajeev Bharol

दिलीप ने कहा…

dhanyawad mitron

Unknown ने कहा…

nice poem yaar.......

Ra ने कहा…

बहुत बेहतर..... क्या कहें ...शब्द नहीं मिल रहे .....हर बार की तरह ....एक जोरदार प्रस्तुति

बालमुकुन्द अग्रवाल,पेंड्रा ने कहा…

हर पोस्ट पर एक फोटोग्राफ. लिखने का नया अंदाज अच्छा लगा.

Unknown ने कहा…

मेरे पास माँ ही नही है बस शब्द है बचा है

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