प्रेम मे डूबे हुए मैं गीत अब न लिख सकूँगी...
मैं मिलन की चाशनी मे शब्द लिपटे न चखूँगी...
हो भले चिर यौवना सौंदर्य की प्रतिमा भले हो...
मैं समेटे कोख मे शृंगारिता अब न रखूँगी...
मैं नहीं स्याही तुम्हारा रक्त बिंदु मांगती हूँ...
मैं कलम कुछ क्रांति की बात लिखना चाहती हूँ...
स्वान की भाँति लिपट कर वैभवो में खो न जाऊं...
जागरण का हो समय तो भीत हो मैं सो न जाऊं...
अब नही सम्मान ना ही रत्न का कुछ लोभ मुझको...
मोह मे पागल हुई इस भीड़ मे मैं खो न जाऊं...
विपरीत दिश में जो बहे वह धार बनना चाहती हूँ...
मैं कलम कुछ क्रांति की बात लिखना चाहती हूँ...
हैं उदर खाली पड़े उनको हँसा कर क्या करूँगी...
प्यास है जल की उन्हें मदिरा पिला कर क्या करूँगी...
चरमराती देह ले जो मार्ग मे औंधे पड़े हैं....
मैं उन्हे शृंगार के ये पद सुना कर क्या करूँगी...
पेट उनका भर सकूँ चूल्हे सी जलना चाहती हूँ...
मैं कलम कुछ क्रांति की बात लिखना चाहती हूँ...
आज मैं सत्ता नही बस सत्य तुमसे मांगती हूँ...
तांडव सा आज फिर से नृत्य तुमसे मांगती हूँ...
कालिमा इतिहास की मुझसे सहन न हो रही है...
नव सृजन इतिहास हेतु रक्त तुमसे मांगती हूँ....
मैं झुकी ग्रीवाओं मे इस्पात भरना चाहती हूँ...
मैं कलम कुछ क्रांति की बात लिखना चाहती हूँ...
36 टिप्पणियाँ:
bahut khoob........roj ek se badhkar ek rachna likh rahe hain.........samaj ko jagrit karne ke liye ek sahi disha ki ore badh rahe hain........aabhar.
sundar rachna
वाह!! बहुत सुन्दर!!
कभी मौका लगे तो पॉडकास्ट करके सुनाईये.
आपने हमारे दिल की बात कह दी
वाह! आपकी रचना जब भी पढता हूँ तो अपने आप मुंह से निकल जाता है ... वाह !
Behad sashakt rachna! Wah!
वाह.....बहुत सार्थक लेखन....एक एक शब्द मन में उतरता हुआ
"नव स्रृजन इतिहास हेतु रक्त तुमसे माँगती हूं" क्या बात है। क्या कल्पना है। स्रृजनशीलता कूट कूट के भरी है। बस हम इसे साकार कर लें।
वाह! वीर रस में डूबी इस कविता को सुनने का भी अवसर मिले तो आनंद आ जाय.
'वीरता' को देख 'अदभुत' जन्म ले लेता यकायक.
शृंगार तो है सृष्टि का आदि समय से ही प्रवाहक.
शुरुआत से अंत तक भावों में ओज बरकरार है. लेखनी को नमन.
सादर वन्दे !
कलम आज उनकी जय बोल |
रत्नेश त्रिपाठी
एक अच्छी रचना ....कलम जो भी लिखे परन्तु वह स्वतंत्र नहीं है , लेखक की गुलाम है / जिस दिन मद में आ गयी कोई कहर टूट पड़ेगा ....हमें क़यामत तक उसी दिन का इन्तजार है ...आपकी रचना उत्तम है ....बहुत खूब मेरे दोस्त
Sameer ji kabhi paudcast ka istemaal nahi kiya...jaldi hi seekh kar kuch rachnaaon ko awaaz dene ka prayas karunga...baaki sabhi mitron ko bahut abhar mere is prayaas ki sarahna ke liye...
pahli baar yahan aayi hoon...bahut bahut sundar likha hai aapne really!
महिलाओं में श्रेष्ठ ब्लागर कौन- जीतिए 21 हजार के इनाम
पोस्ट लिखने वाले को भी मिलेगी 11 हजार की नगद राशि
आप सबने श्रेष्ठ महिला ब्लागर कौन है, जैसे विषय को लेकर गंभीरता दिखाई है. उसका शुक्रिया. आप सबको जलजला की तरफ से एक फिर आदाब. नमस्कार.
मैं अपने बारे में बता दूं कि मैं कुमार जलजला के नाम से लिखता-पढ़ता हूं. खुदा की इनायत है कि शायरी का शौक है. यह प्रतियोगिता इसलिए नहीं रखी जा रही है कि किसी की अवमानना हो. इसका मुख्य लक्ष्य ही यही है कि किसी भी श्रेष्ठ ब्लागर का चयन उसकी रचना के आधार पर ही हो. पुऱूषों की कैटेगिरी में यह चयन हो चुका है. आप सबने मिलकर समीरलाल समीर को श्रेष्ठ पुरूष ब्लागर घोषित कर दिया है. अब महिला ब्लागरों की बारी है. यदि आपको यह प्रतियोगिता ठीक नहीं लगती है तो किसी भी क्षण इसे बंद किया जा सकता है. और यदि आपमें से कुछ लोग इसमें रूचि दिखाते हैं तो यह प्रतियोगिता प्रारंभ रहेगी.
सुश्री शैल मंजूषा अदा जी ने इस प्रतियोगिता को लेकर एक पोस्ट लगाई है. उन्होंने कुछ नाम भी सुझाए हैं। वयोवृद्ध अवस्था की वजह से उन्होंने अपने आपको प्रतियोगिता से दूर रखना भी चाहा है. उनके आग्रह को मानते हुए सभी नाम शामिल कर लिए हैं। जो नाम शामिल किए गए हैं उनकी सूची नीचे दी गई है.
आपको सिर्फ इतना करना है कि अपने-अपने ब्लाग पर निम्नलिखित महिला ब्लागरों किसी एक पोस्ट पर लगभग ढाई सौ शब्दों में अपने विचार प्रकट करने हैं। रचना के गुण क्या है। रचना क्यों अच्छी लगी और उसकी शैली-कसावट कैसी है जैसा उल्लेख करें तो सोने में सुहागा.
नियम व शर्ते-
1 प्रतियोगिता में किसी भी महिला ब्लागर की कविता-कहानी, लेख, गीत, गजल पर संक्षिप्त विचार प्रकट किए जा सकते हैं
2- कोई भी विचार किसी की अवमानना के नजरिए से लिखा जाएगा तो उसे प्रतियोगिता में शामिल नहीं किया जाएगा
3- प्रतियोगिता में पुरूष एवं महिला ब्लागर सामान रूप से हिस्सा ले सकते हैं
4-किस महिला ब्लागर ने श्रेष्ठ लेखन किया है इसका आंकलन करने के लिए ब्लागरों की एक कमेटी का गठन किया जा चुका है. नियमों व शर्तों के कारण नाम फिलहाल गोपनीय रखा गया है.
5-जिस ब्लागर पर अच्छी पोस्ट लिखी जाएगी, पोस्ट लिखने वाले को 11 हजार रूपए का नगद इनाम दिया जाएगा
6-निर्णायकों की राय व पोस्ट लेखकों की राय को महत्व देने के बाद श्रेष्ठ महिला ब्लागर को 21 हजार का नगद इनाम व शाल श्रीफल दिया जाएगा.
7-निर्णायकों का निर्णय अंतिम होगा.
8-किसी भी विवाद की दशा में न्याय क्षेत्र कानपुर होगा.
9- सर्वश्रेष्ठ महिला ब्लागर एवं पोस्ट लेखक को आयोजित समारोह में भाग लेने के लिए आने-जाने का मार्ग व्यय भी दिया जाएगा.
10-पोस्ट लेखकों को अपनी पोस्ट के ऊपर- मेरी नजर में सर्वश्रेष्ठ ब्लागर अनिवार्य रूप से लिखना होगा
ब्लागरों की सुविधा के लिए जिन महिला ब्लागरों का नाम शामिल किया गया है उनके नाम इस प्रकार है-
1-फिरदौस 2- रचना 3-वंदना 4-संगीता पुरी 5-अल्पना वर्मा- 6 –सुजाता चोखेर 7- पूर्णिमा बर्मन 8-कविता वाचक्वनी 9-रशिम प्रभा 10- घुघूती बासूती 11-कंचनबाला 12-शेफाली पांडेय 13- रंजना भाटिया 14 श्रद्धा जैन 15- रंजना 16- लावण्यम 17- पारूल 18- निर्मला कपिला 19 शोभना चौरे 20- सीमा गुप्ता 21-वाणी गीत 21- संगीता स्वरूप 22-शिखाजी 23 –रशिम रविजा 24- पारूल पुखराज 25- अर्चना 26- डिम्पल मल्होत्रा, 27-अजीत गुप्ता 28-श्रीमती कुमार.
तो फिर देर किस बात की. प्रतियोगिता में हिस्सेदारी दर्ज कीजिए और बता दीजिए नारी किसी से कम नहीं है। प्रतियोगिता में भाग लेने की अंतिम तारीख 30 मई तय की गई है.
और हां निर्णायकों की घोषणा आयोजन के एक दिन पहले कर दी जाएगी.
इसी दिन कुमार जलजला का नया ब्लाग भी प्रकट होगा. भाले की नोंक पर.
आप सबको शुभकामनाएं.
आशा है आप सब विषय को सकारात्मक रूप देते हुए अपनी ऊर्जा सही दिशा में लगाएंगे.
आपकी सबका हमदर्द
कुमार जलजला
दिलीप जी
हर बार की तरह जानदार
आपकी रचना का शीर्षक ही मजमून बयां कर देता है ।
क्रांति तो तुम ला ही रहे हो बंधू ...............अपनी कलम से !!
बेहद उम्दा !!
Shukriya Parul ji Suman ji aur Shivam ji...bahut abhaar...
...अदभुत रचना ... बधाई व शुभकामनाएं !!!
वाह!
दिलीप भाई समीर जी की बात पर गौर करना....
इन्तजार रहेगा...
कुंवर जी,
speechlees................awaysome
शुभकामनाएं...
कलम की क्रांति लिखने की चाह उठाती है सर रह-रह के , मगर फिर रुक जाती है जाने क्या सोच कर ...
bahut hi sundar rachna
dil ko chhu gayi
taareef ke liye shabd kam pad gaye.
aabhaar
shubh kamnayen
bahut sundar.aapki kalam sashakt hai.
behad shandaar rachna....kalam sach me talwar hai samay aane par....:)
behn ji aadaab aapkaa likhne kaa ndaaz or mere pdhne ke andaaz men kuch ajib baat he isiliyen aapke alfaazon ko pdhte rehne ko ji chaahtaa he . akhtar khan akela kota rajasthan my hindi blog akhtarkhanakela.blogspot.com
I am in love with your 'krantikari pen'.
Falling short of words to praise this mindblowing creation.
Divya
मैं कलम कुछ क्रांति की बात लिखना चाहती हूँ..
देशप्रेम से भरी ओजस्वी वाणी ..
सार्थक और प्रेरणाप्रद रचना के लिए धन्यवाद
बहुत सुन्दर पर कभी प्रेम पर भी कलम चलाओ अनुज.. वो भी एक रस(श्रृंगार) है, उपेक्षा भी ठीक नहीं.
इस क्रांति में तेरे साथ रहना चाहता हूं। अतिसुन्दर!
"मैं 62 साल का वृद्ध बोल रहा हूँ .... लाख कर लो कोशिशे..इंसान सोते रहेंगे.....बस अपनी माँ के लिए जी न सका..... आँखों को अश्रु नहीं अंगार चाहिए ...मैं कलम कुछ क्रांति की बात लिखना चाहती हूँ"..... पिछले दिनों कई ब्लॉग एक साथ पढ़ डाले... आपकी कविताओं में कहीं निराशावाद दिखा तो कहीं आशा का संचार हुआ.... और आज की कविता में कलम का जोश देखते ही बनता है.... आपकी क्रांतिकारी कलम समाज की बुराइयों का सर क़लम कर सके... इसके लिए ढेरों शुभकामनाएँ...
bahut bahut Dhanywaad Meenakshi ji...
अति सुंदर
अद्भुत, अप्रतिम, अविश्वसनीय रचना। इतनी सुन्दर कला लेखनी का....वाह! मन मस्तिष्क को जागृत करती रचना।
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