रेल की पटरी, सड़क, फुटपाथ पर भी, भूख अक्सर दौड़ती देखी है मैने...
बंदगी, अच्छाइयाँ, ईमान जैसी, नीयतें दम तोड़ती देखी हैं मैने...
वो लकीरें जिनके जालों मे कहीं पर, क़ैद है किस्मत बदलते हिंद की, कल..
चाय की हल्की नमी की चाहतों मे, कुल्हड़ों को फोड़ती देखी हैं मैने...
इस चमकते हिंद के महलों के नीचे, बाँध बच्चा पीठ पर इक माँ अभागी...
एक या दो जून की रोटी की खातिर, पत्थरों को तोड़ती देखी है मैने...
क़र्ज़ भी, बेटी भी और बेशर्म बादल, साथ सूखी धरतियों का गम समेटे...
पेड़ तक पहुँची नहीं जब वो, हथेली, रस्सियाँ दो जोड़ती देखी है मैने...
महफ़िलों मे कर रहे थे वो जिरह और, औरतों के हक की खातिर लड़ रहे थे...
उस ही आदम जात की वहशी निगाहें, इज़्ज़तों को तोलती देखी हैं मैने...
भीड़ का है मुल्क़, हैं सब भेड़ जैसे, हाँक दो जिस ओर सारे चल पड़ेंगे...
इस जवानी की रगों मे बस नशा है, रूह हर इक खोखली देखी है मैने...
जात, ये मज़हब, सियासी खेल सारे, रिश्तों मे इंसानियत सब खा चुके हैं...
खून से डूबी हुई कोई हथेली, इक हथेली छोड़ती देखी है मैने...
धैर्य है, न द्रौपदी का चीर है ये, ये बढ़ेगा, छोर भी इसका मगर है...
भूख वो भूकंप है जब तेज आया, कुर्सियाँ भी डोलती देखी हैं मैने...
कब तलक रोते रहोगे इस तरह तुम, क्या बदलने के लिए कुछ भी करोगे...
है अगर हिम्मत तो कुछ आगे बढ़ो 'दिल', बस कलम ही बोलती देखी है मैने.....
Dil ki kalam se...
14 टिप्पणियाँ:
भूख पर लिखी बेहद मार्मिक प्रस्तुति
Badaa gazab likha hai aapne!
Hats off....It's a privilege to read ur writing...
Behtareen...aapko padhna saubhagya hai hamara...
Benamoon prastuti...
बहुत बहुत बढ़िया...
बेहतरीन रचना के लिए बधाई.
भीड़ का है मुल्क़, हैं सब भेड़ जैसे, हाँक दो जिस ओर सारे चल पड़ेंगे...
इस जवानी की रगों मे बस नशा है, रूह हर इक खोखली देखी है मैने..
एक एक शे'र नायाब... बेशकीमती,,,,, आपके ब्लॉग पर आकर बहुत अच्छा लगा ... बहुत बहुत अच्छा
दोबारा अद्भुद लिखने की इच्छा है... अनुपम !!!!
दिल की कलम से लिखी दिल तक पहुंची है.
कितने गहरे घाव लगे हैं,
सहजीवन को देश मेरे..
दिल से निकली वेदना दिल तक पहुंच रही है…………सच्चाई की तस्वीर भयावह ही होती है।
हकीकत को बयां करती सुन्दर रचना| धन्यवाद्|
बहुत उम्दा...सादर बधाई
बहूत खूब! क्या लिखा है!
हकीकत को बयां करती सुन्दर रचना| धन्यवाद्|
आप को सपरिवार नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनायें !
सार्थक प्रस्तुतिकरण है।
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