कुछ कूट विषैले सर्प यदि फुँकार करें तो करने दो...
ये है स्वाभाव उनका तुम उनके विष की सरिता बहने दो...
किंतु यदि तुम मूढ़ बने वो विष धमनी मे घोलोगे...
वर्षों का सम्मान अगर यूँ खड़े खड़े ही खो दोगे...
ये मात तुम्हारी अबला सी रक्तिम आँचल ले रोएगी...
कैसे फिर कल की नवपीढ़ी इस दुष्कलंक को धोएगी...
सज्जन होने का अर्थ नही कि निष्क्रिय जीवन हो जाए...
आओ जीवन के अंत पूर्व हम बीज विजय का बो जाए...
22 टिप्पणियाँ:
विजयी भव:........
स्वतंत्रता दिवस पर हार्दिक शुभकामनाएं.......
बहुत सुन्दर!
स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं!
स्वतंत्रता दिवस के मौके पर आप एवं आपके परिवार का हार्दिक अभिनन्दन एवं शुभकामनाएँ.
सादर
समीर लाल
ये मात तुम्हारी अबला सी रक्तिम आँचल ले रोएगी...
कैसे फिर कल की नवपीढ़ी इस दुष्कलंक को धोएगी...
सज्जन होने का अर्थ नही कि निष्क्रिय जीवन हो जाए...
आओ जीवन के अंत पूर्व हम बीज विजय का बो जाए...
बहुत सुन्दर!
आज़ादी के बहाने बढया प्रस्तुति !
अंग्रेजों से प्राप्त मुक्ति-पर्व ..मुबारक हो!
समय हो तो एक नज़र यहाँ भी:
आज शहीदों ने तुमको अहले वतन ललकारा : अज़ीमउल्लाह ख़ान जिन्होंने पहला झंडा गीत लिखा http://hamzabaan.blogspot.com/2010/08/blog-post_14.html
सांस का हर सुमन है वतन के लिए
जिन्दगी एक हवन है वतन के लिए
कह गई फ़ांसियों में फ़ंसी गरदने
ये हमारा नमन है वतन के लिए
स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं
... जबरदस्त रचना !!!
... स्वतन्त्रता दिवस की हार्दिक बधाई व शुभकामनाएं !!!
बहुत अच्छी प्रस्तुति ...मन को छू गयी ..
स्वंत्रता दिवस की बधाइयां और शुभकामनाएं
dilip...
bahut achchi prastuti....
किंतु यदि तुम मूढ़ बने वो विष धमनी मे घोलोगे...
वर्षों का सम्मान अगर यूँ खड़े खड़े ही खो दोगे...
ये मात तुम्हारी अबला सी रक्तिम आँचल ले रोएगी...
कैसे फिर कल की नवपीढ़ी इस दुष्कलंक को धोएगी..
aur ye swatantrta diwas par kiya gaya awahaan... bahut sateek...
सज्जन होने का अर्थ नही कि निष्क्रिय जीवन हो जाए...
आओ जीवन के अंत पूर्व हम बीज विजय का बो जाए
badhayi swatantrta diwas ki...
स्वतंत्रता दिवस का तोहफा है ये कविता. स्वागत है dilip जी.
बहुत सुन्दर तोहफा है आज के दिन का दिलीप भाई..
आपको भी स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनायें
बहुत सुन्दर आह्वान .....कहाँ गायब रहे इतने दिन ?
स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं और बधाई
ek damdaar hoonkaar ...ek aajad kalam ..too gud!
zordaar vaapsi...
स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं!
Shukriya mitron aajkal bhavishy ke liye dekhe kuch sapno ko moort roop dene ka prayas kar raha hun...isliye aa nahi pa raha, par kalam rukti nahi...jo kuch bhi kalam ne likhvaya..jaldi hi sab rakhunga...aapke itne sneh ke liye bahut bahut abhaar....kaafi kuch padhna bhi hai..par samay ka abhaav hai....kshama chahunga...jaldi hi padhunga bhi....
अतिसुंदर भाव,
समता व शौर्य का अद्भुत मिश्रण
आप सभी को स्वतंत्रता दिवस की बहुत बहुत बधाइयाँ और शुभकामनाएं !
देर आमद .....दुरुस्त आमद !
जय हिंद !!
स्वतंत्रता दिवस के शुभ अवसर पर हार्दिक अभिनन्दन एवं शुभकामनाएँ.
स्वागत है दिलीप जी।
कल रात ही एक पोस्ट में तुम्हारा ज़िक्र किया था, सुबह विचारशून्य वाले दीप जी ने सूचित किया कि प्रकट हो गये हो।
बहुत खूबसूरत कविता है, तुम्हारे ही ब्रांड की।
भविष्य के लिये शुभकामनायें, हम कमी महसूस करते हैं लेकिन प्राथमिकता अपनी पढ़ाई और कैरियर को ही दो।
स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनायें स्वीकार करें।
bahut achchi kavita
behad rochak,mujhe toh bahut kuch seekhna hai........aapke shabd aapka jyaan bataate hai,,,,,,,,,,,,,,,,,
स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं.............
bahut badhiya
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