लो फिर से किसी नज़्म के आसार हो गये...

Author: दिलीप /

हम तो तुम्हारे इश्क़ मे आबाद हो गये....
दुनिया बता रही के हम बरबाद हो गये....

हालात भी अजीब हुए हैं तुम्हारे बाद...
हम क़ैद हुए और तुम आज़ाद हो गये...

मैं पास तुम्हारे, मगर हूँ दूर भी बहुत...
तुम फूल बने और, हम तो खाद हो गये...

कुत्ते जो इस गली मे, हिलाते थे दुम्म कभी...
कुर्सी पे चढ़ के, वो भी शहंशाह हो गये...

जो पल हमारे वास्ते, इक ज़िंदगी से थे...
उनके लिए कुछ दिन की मुलाकात हो गये...

धीरे से सरक के गिरे पलकों से मेरे गम...
काग़ज़ पे गिर के गम मेरे अशरार हो गये...

कुछ है जो हमे जोड़ता अब भी है, ये माना...
तुम कानपुर और हम इलाहाबाद हो गये...

जब मारना ही था तो फिर दोनो को मारते...
के आज बहुत संगदिल, सैय्याद हो गये....

इंसान दिखा तो खुदा ने जश्न मनाया...
इंसान भी तो ईद का हैं चाँद हो गये...

फिर याद के बादल, ज़रा आँखों पे छा गये...
लो फिर से किसी नज़्म के आसार हो गये

15 टिप्पणियाँ:

प्रवीण पाण्डेय ने कहा…

वाह, बड़ी गहरी पंक्तियाँ...

SKT ने कहा…

बढ़िया भाई, बहुत बढ़िया!

vidya ने कहा…

वाह वाह....
इंसान दिखा तो खुदा ने जश्न मनाया...
इंसान भी तो ईद का हैं चाँद हो गये...

खास इस शेर के लिए..वाह वाह वाह ...

kunwarji's ने कहा…

"धीरे से सरक के गिरे पलकों से मेरे गम...
काग़ज़ पे गिर के गम मेरे अशरार हो गये..."

sundar hai ji.....

kunwar ji.

बेनामी ने कहा…

जो पल हमारे वास्ते, इक ज़िंदगी से थे...
उनके लिए कुछ दिन की मुलाकात हो गये...

बहुत खूबसूरत है ये शेर|

Unknown ने कहा…

हम तो तुम्हारे इश्क़ मे आबाद हो गये....
दुनिया बता रही के हम बरबाद हो गये....

...amazing writing

हास्य-व्यंग्य का रंग गोपाल तिवारी के संग ने कहा…

कुत्ते जो इस गली मे, हिलाते थे दुम्म कभी...
कुर्सी पे चढ़ के, वो भी शहंशाह हो गये.. Bahut khoob.

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' ने कहा…

बहुत अच्छी प्रस्तुति!

प्रतुल वशिष्ठ ने कहा…

@ बहुत खूब .... लाजवाब... दिलीप जी...

नीरज गोस्वामी ने कहा…

एक एक शेर पर ढेरों ढेर तालियाँ...लाजवाब ग़ज़ल...वाह

बेहतरीन रचना...बधाई स्वीकारें .

नीरज

संगीता स्वरुप ( गीत ) ने कहा…

खूबसूरत रचना ..

चला बिहारी ब्लॉगर बनने ने कहा…

बहुत खूब!!

***Punam*** ने कहा…

हम तो तुम्हारे इश्क़ मे आबाद हो गये....
दुनिया बता रही के हम बरबाद हो गये....

हालात भी अजीब हुए हैं तुम्हारे बाद...
हम क़ैद हुए और तुम आज़ाद हो गये...

जो पल हमारे वास्ते, इक ज़िंदगी से थे...
उनके लिए कुछ दिन की मुलाकात हो गये...

sher to sabhi achchhe hain......

just amazzing....

Manav Mehta 'मन' ने कहा…

बहुत ही खूबसूरत नज्म ...

Pallavi saxena ने कहा…

अब तो वाकई कोई भी शब्द ही नहीं बचा शब्द कोश में तारीफ के लिए :)निशब्द करती रचना।

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